Thursday, 15 August 2013

गर्व से कहता हूँ मैं हिन्दू हूँ

       गर्व से कहता हूँ मैं हिंदू हूँ. नहीं नहीं मैं भाजपा में शामिल नहीं हुआ हूँ. दरअस्ल राम मंदिर आंदोलन के समय भाजपा ने यह नारा दिया था तब से बहुत से हिंदू गर्व से हिंदू कहने में संकोच महसूस करने लगे हैं. इस समय देश की स्थिति जैसी भी है वह सबको पता है.देश की बहुसंख्यक जनता काफी आर्थिक संकट में है.सत्तर प्रतिशत जनता बीस रूपए रोज़ पर गुज़र कर रही है.ऐसे में उम्मीद बंधी है कि हिंदू धर्म इस देश की बहुसंख्यक जनता को उसके संकटों से निजात दिला सकता है. बस इतनी सी बात है जो मैं गर्व से कहता हूँ मैं हिन्दू हूँ. यह बात मैं ठोस आधार पर कह रहा हूँ.
     जिस चेनेल को देखिए उसी पर धूम मची हुई है.कहीं हमारे समय के सुपरस्टार गोविंदा शुभधन वर्षा लिए खड़े हैं, कहीं कोई मन्त्र पढ़-पढ़ कर बता रहे हैं कि उनका तंत्र किस तरह हनुमान और शंकर जैसे दो शक्तिशाली देवताओं से सिद्ध किया हुआ है, कोई धन की देवी लक्ष्मी का तंत्र देने को उतावला है तो कोई कह रहा है सिर्फ लक्ष्मी से काम नहीं चलेगा मैं साथ में कुबेर की चाबी भी दूंगा.बन्दे की बात में दम है.एक बैंक मेनेजर भी ताला पियोन से खुलवाता है,लक्ष्मी धन की देवी हैं वे खजाने का ताला खुद तो नहीं खोलेंगी. तो दोस्तों हमारे देवताओं ने इतने एजेंट छोड़ रखे हैं लोगों के धन के अभाव को दूर करने के लिए.कहते हैं भगवान भक्त के वश में होते हैं.भक्तों ने लक्ष्मी,हनुमान,शिवजी सिद्ध कर लिए हैं.अब तो उन्हें वही करना पडेगा जो उनके भक्त कहेंगे.फिर वे एक-डेढ़ हज़ार के डिस्काउंट के साथ मात्र तीन-साढ़े तीन हज़ार में अपना सिद्ध किया तंत्र यंत्र दे रहे हैं, भला इससे सस्ता सौदा और क्या हो सकता है.बस यों समझ लीजिए हमारे देवी -देवता लोगों की धन की समस्या हल करना चाहते हैं,इसी लिए उन्होंने अपने भक्तों को एजेंट के रूप में इस तरह फैला रखा है. 
आजकल एक बाबा की धूम मची हुई है.उन्हें आप भगवान के कृपा विभाग के अध्यक्ष समझ लीजिए.उनका कृपा बांटने का तरीका भी बहुत आसान है.आप काले रंग का पर्स ले जाइए.बाबा के सामने जा कर पर्स खोल दीजिए वे आपको पर्स भर कर कृपा दे देंगे.आप सौंठ के गोलगप्पे खा लें या काले कपडे पहने किसी महिला को देख लें तब भी वे कृपा आपके घर भेज देंगे.आप गोलगप्पे खा कर घर पहुंचेंगे कृपा आपका इंतज़ार करती मिलेगी.वास्तव में यह भगवान की कृपा ही है कि वह लोगों को कृपा देना चाहता है और इसी लिए उसने कृपा विभाग का अध्यक्ष कृपा देने वाले इतने उदार बाबा को बना रखा है कि आपको कुछ नहीं करना है, आपको गोलगप्पे खाने हैं या काला पर्स लेकर बाबा के पास जाना है.जितना बड़ा पर्स ले जाइए,चैन लगाकर उतनी ही कृपा बाबा से ले आइए
. आजकल टीवी पर जो धन वर्षा करने वाले यंत्र डिस्काउंट काट के मात्र तीन हज़ार में बिक रहे हैं,वे नई खोजें हैं वरना पहले से भी आम लोगों की समस्याएँ हल करने वालों की कोई कमी नहीं रही है.अखबारों में दिव्य पुरुषों के समागम से हर तरह के कष्ट दूर होने की पूरे पेज की खबरें छपती ही रहती हैं.बड़े से बड़ा कष्ट दूर करने के लिए आज तमाम दिव्य पुरुष हैं जिनका भगवान से सीधा सम्बन्ध है.छोटे-मोटे कष्ट तो ज्योतिषी और तांत्रिक जैसे छोटे मोटे एजेंट ही ठीक कर देते हैं.आप पर क्या विपत्ति आने वाली है यह आप ज्योतिष से जान सकते हैं और उस विपत्ति के कारण बुरे ग्रह-नक्षत्र को आसानी से दुरुस्त करा सकते हैं.अगर किसी महिला के बच्चा नहीं है और समाज ने बाँझ कह-कह कर उसका जीना हराम कर रखा है तो उसे इनफर्टिलिटी क्लिनिक में लाखों रु. खर्च करने की ज़रुरत नहीं है.इक्कीसवीं सदी में भी आपको ऐसे तांत्रिक आसानी से मिल जाएंगे कि उनके पास कुछ पूजा का सामान कुछ रूपए और बलि के लिए एक बच्चा ले कर चले जाएं आपकी समस्या हल हो जाएगी.

तो मित्रो यही वजह है कि मैं गर्व से कहने लगा हूँ कि मैं हिन्दू हूँ.यों तो हर धर्म के देवी-देवता,पीर-पैगम्बर अपने-अपने धर्म के लोगों का उद्वार करने के लिए ही होते हैं पर हिंदू धर्म के के देवी-देवताओं ने जिस तरह अपने एजेंट लोगों का कल्याण करने के लिए छोड़ रखे हैं उससे मेरे जैसे व्यक्ति को भी हिंदू होने पर गर्व होने लगा है.

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