Friday, 14 September 2012

काला धन और सफेद धन


               
       
           आज ऐसा कौन होगा जो यह न जानता हो कि काले धन के लिए जंग लड़ी जा रही है. गरीब से गरीब, जो सिर्फ धन के बारे में जानता था और अब तो वह यह भी भूल चुका था कि धन होता क्या है वह भी जान गया कि धन काला भी होता है और उसके खिलाफ जंग लड़ी जा रही है. जंग खुद  बाबा रामदेव ने छेड़ी है.जब बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में ऐलान किया कि देश में इतना  काला धन है कि सबको एक एक लाख रु. मिल जाएंगे तो मध्यम वर्ग के उन लोगों को काले धन के बारे में यक़ीन सा हो गया जिनकी अब तक की ज़िंदगी धन प्राप्त करने के लिए सनीचर उतरवाने में या काल सर्पदोष दूर करने में निकल गयी थी.तो  काले धन के खिलाफ जंग छिड़ चुकी है और जंग खुद बाबा रामदेव ने छेड़ी है..ठीक भी है , बीमारी का इलाज़ वही ठीक तरह कर सकता है जो उसका विशेषज्ञ है. और काले धन के बारे में बाबा रामदेव से बेहतर और कौन समझ सकता है. बाबा ने कुल आठ  साल में ही तेरह अरब की संपत्ति इकट्ठी कर ली. फिर संपत्ति तेरह अरब है कि तेरह खरब है इसे कौन जाने. इतनी तो बाबा बता रहे हैं. जिनके पास काला धन होने की शक की जाती है वे तो रामदेव से भी कम संपत्ति होने का दावा करते हैं.खैर जो भी हो इतना तो तय है कि बाबा को धन या काला धन की अच्छी समझ है, वे धनवान हैं और जानते हैं कि आठ दस साल में ही अरबों खरबों की संपत्ति कैसे बनाई जा सकती है. इसलिए वे काले धन की जंग लड़ने के लिए सबसे उपयुक्त हैं. जंग के लिए सेना की ज़रुरत होती है और सेना पालने के लिए काफी धन चाहिए. सेनाए पहले राजाओं के पास होती थीं या अब बिहार के ज़मीदारों के पास हैं.. अब बाबा रामदेव ने सेना बनाने की बात की है. तो यह अच्छी बात है. बाबा को काले धन की समझ है, जंग लड़ने के लिए सेना की ज़रुरत होती है और सेना पालने के लिए धन चाहिए. बाबा के पास समझ भी है और धन भी है इसलिए वे काले धन की जंग लड़ने के लिए सबसे उपयुक्त हैं. जंग की तो बात छोड़िए आजकल चार छह दिन की अनशन तक में करोड़ों का खर्च आ जाता है. सो काले धन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए बाबा रामदेव से बेहतर कोई हो ही नहीं सकता. हाँ,अगर हसन अली भी बाबा के साथ आ जाते तो यह जंग मुक़म्मल हो जाती.
               भाजपा का कहना है कि काला धन वापस लाने की बात सबसे पहले आडवानी ने की थी इसलिए हमें बाबा को समर्थन देने का पूरा अधिकार बनाता है.ज़रूर बनता है. बल्कि मैं तो कहता हूँ कांग्रेस का भी यह अधिकार बनना चाहिए.. वह भी कह रही है कि वह काले धन के लिए सख्त क़दम उठा रही है. खैर ये राजनीतिक मसले  हैं.उन्हें ज़रुरत पड़ी तो ज़रूर अपने अधिकारों का उपयोग करेंगे और एक दूसरे को समर्थन देंगे.
          तो बात काले धन के लिए छिड़ी जंग की हो रही थी. तो जब से बाबा रामदेव ने कहा है कि देश के बाहर बहुत काला धन है और वह वापस आ गया तो सबको एक एक लाख रु. मिल जाएगा तब से हर आदमी ने मान लिया है कि देश में काला धन है और वह वापस आना चाहिए. हमने भी काले धन के बारे में एक सपना देखा था.इसका मतलब यह मत समझना  कि हमने काला धन इकट्ठा करने के बारे में सपना देखा था, जैसा कि नेता, नौकरशाह, छोटे बड़े पूंजीपति, फ़िल्म स्टार,क्रिकेट खिलाड़ी या कुछ दूसरे खिलाड़ी, व्यापारी अथवा उच्च वर्ग के दूसरे लोग देखते हैं. हमने सचमुच का काले धन की लड़ाई के बारे में सपना देखा था. आप   भी सुने.
     तो पूरे देश में काले धन को लेकर जंग छिड़ी हुई थी. देश भर में काले धन के लिए छापामारी चल रही थी. धन समेटे नहीं समेटा जा रहा था. नेता ,नौकरशाह,पूंजीपति,क्रिकेटर,फिल्म स्टार,ठेकेदार, ngo मालिक, मीडिया मालिक,भगवान बन चुके  साधू  संत, आदि पर ही देश के कुल धन का सौ दो सौ गुना धन निकल आया कि कुछ लाख जमा करने वाले क्लर्क, छोटे अफसर, कुछ करोड़ या एक दो अरब इकट्ठा कर लेने वाले दुकानदार व्यापारी आदि पर ध्यान  ही नहीं गया.तो ऊपर के काले धन से ही इतनी अधिक संपत्ति इकट्ठी हो गयी. संपत्ति इकट्ठी होने के बाद अभियान का का अगला  चरण  शुरू हुआ  कि इस संपत्ति का क्या  किया जाए. यहीं आकर अभियान चलाने वालों के बीच कुछ मतभेद पैदा हुए. कुछ लोगों का मानना था कि होना जाना कुछ नहीं है,अब तक का अनुभव यही कहता है, इस लिए ले देकर मामले को यहीं रफा दफा करो. कुछ ने कहा सरकारें पहले भी ऐसी स्कीमें चलाती रही हैं, एडजस्टमेंट यानी काले को सफ़ेद करने वाली.सो पांच दस परसेंट जो भी बनता हो वह इनसे जमा कराओ और इन्हें दफा करो. कुछ ने चेताया कि आप नहीं जानते इन लोगों को, अगर आप ने इन पर कोई कार्रवाई की तो विकट समस्या खड़ी हो सकती है. देश की सारी विकास दर इन्हीं लोगों की वजह से बढ़ रही है.अगर इनके खिलाफ कुछ हुआ तो अमेरिका नाराज़ हो जाएगा क्योंकि १९९० में उसने भारात में जो आर्थिक उदारीकरण नीति लागू कराई थी वह तेजी से देश की विकास दर बढ़ाने के लिए ही लागू कराई थी. कुछ ने कहा यह मामला बहुत पेचीदा है इसलिए बहुत सोच समझ के निर्णय लेना चाहिए. हमारी मानो तो इसे कोर्ट पर छोड़ दो वह जैसा चाहे वैसा करे. कोर्ट को कुछ भी करने का हक भी है. उसके खिलाफ कोई कुछ कहेगा भी नहीं क्योंकि वह अदालत की अवमानना होगी. वह चाहे तो जेसिका के,मट्टू के हत्यारों को छोड़ सकता है,भंवरी देवी के बलात्कारियों को इज्ज़तदार बता सकता है. तो फिर इस मामले में भी ज़रूर कुछ ऐसा फैसला दे सकता है.
            तो दोस्तों यह तय हुआ कि एक चार्जशीट तैयार की जाए और उसे कोर्ट में पेश किया जाए. तो चार्जशीट तैयार करने का काम शुरू हुआ. लोगों से पूछा गया कि उनके पास इतना धन कहाँ से आया तो उन्होंने बताया कि यह सब लक्ष्मी गोबिन्दा की कृपा से आया है. मैं जानता हूँ कि बहुत से धार्मिक विद्वानों को इस पर आपत्ति होगी. वे कहेंगे कि यह बात सोलह आने भर सत्य है कि जिस पर लक्ष्मी की कृपा होती है  धन उसी के पास आता है. वे धन की देवी हैं और वे चाहेगीं उसके पास धन जाएगा,वे नहीं चाहेगीं उसके पास नहीं जाएगा. लेकिन लक्ष्मी गोबिन्दा कहना एकदम गलत है क्योंकि लक्ष्मी विष्णु की पत्नी हैं. हालांकि गोबिन्दा भी विष्णु के अवतार थे पर राधा गोबिन्दा और लक्ष्मी विष्णु कहना ही श्रेष्ठ है. दोस्तों में यहाँ विष्णु के अवतार गोबिन्दा की बात नहीं कर रहा हूँ , मैं फिल्म स्टार गोबिन्दा की बात कर रहा हूँ. उन्होंने शुभ धन वर्षा का आविष्कार किया है जो धन की देवी लक्ष्मी की कृपा से आपका घर दौलत से भर देती है. कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि गोबिन्दा शुभ धन वर्षा के आविष्कार में न जुटते और अमिताभ बच्चन की तरह छोटे मोटे अंधविश्वास व टोने टोटके से काम चला लेते तो आज सुपर स्टार अमिताभ बच्चन नहीं गोबिन्दा होते. तो ये लोग यही कह रहे हैं कि उन्होंने साढ़े तीन हज़ार रु. भेज कर फिल्म स्टार गोबिन्दा की शुभ धन वर्षा मंगाकर घर में स्थापना की फिर लक्ष्मी जी की कृपा से उनके घर अपार धन दौलत टूट पडी. जिसे आप काला धन कह रहे हैं यह वही धन दौलत है.
              दोस्तों जांच करने वाले यह मानने को तैयार नहीं हैं और वे पूछताछ को आगे बढ़ाना चाहते हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा कर के वे धन की  देवी लक्षी का अपमान कर रहे हैं,लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं. जनता उसे बर्दास्त नहीं करेगी, वह सड़कों पर उतर आएगी. देश में या तो क्रान्ति हो जाएगी या फिर व्यवस्था परिवर्तन हो जाएगा. हमें ध्यान होगा रामदेव और केजरीवाल भी यही दो बातें कहते रहे हैं. तो सरकार डरी हुई है और उसने अपनी इंटेलीजेंस को यह जानने के लिए लगा दिया है कि क्या ये लोग ठीक कह रहे हैं कि जनता क्रान्ति या व्यवस्था परिवर्तन कर देगी. इंटेलीजेंस ने पता लगाया कि ये लोग बिलकुल ठीक कह रहे हैं,जनता ऐसा कर सकती है. सरकार असमंजस की स्थिति में है.और ऐसी स्थिति में सरकार एक ही काम कर सकती है कि वह जांच बैठाए. लेकिन समस्या यह है कि यह मामला थोड़ा दैवीय किस्म का है और जांच के लिए आदमी खोजना मुश्किल हो रहा है जिस पर लोग भरोसा कर सकें. अंततः यह तय किया गया कि इस काम के लिए बाबा रामदेव जैसे योगी व्यक्ति ही सर्वथा उपयुक्त हैं.
     तो दोस्तों बाबा रामदेव ने जांच शुरू की. उन्होंने कुछ अपने ठोस सांसारिक अनुभव व कुछ अपने योग ध्यान की तीसरी आँख से देख कर बताया कि ऐसा पूर्णतः संभव है. यह संपत्ति इन्हें शुभ धनवर्षा की स्थापना और माँ लक्षी की कृपा से ही मिली है. अतः इन लोगों को अविलम्ब संपत्ति लेकर जाने दिया जाए और उन्हें देश की विकास दर बढ़ाने से न रोका जाए. दोस्तों मेरा सपना पूरा हो गया और मेरी आँख खुल गई. आँख खुलने के बाद मन में यही ख़याल आता रहा कि वास्तविक दुनिया में यह सपना कभी पूरा न  हो.                

Monday, 10 September 2012

काल सर्प दोष यहाँ दूर करवाइए

              अगर आपको व्यापार में नुकसान हो रहा हो, क्रिकेट नहीं खेल पा रहे हैं , और कोई समस्या है, जहां तक कि आप चोरी करने जाते हैं और जनता या पुलिस आप के पवित्र काम में व्यवधान डाल देती है और आप चोरी जैसे  पवित्र काम में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो एक बार यह ज़रूर दिखावा लें कि कहीं आप की कुण्डली में कालसर्प दोष तो नहीं है.  
         विजय माल्या की कुण्डली में काल सर्प दोष है. पिछले वर्ष उनकी एयरलाइन्स घाटे में चली गयी थी और उसे बेलआउट करने की चर्चा ज़ोरों पर रही. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है.दरअसल यह समय काल सर्प दोष के लिए बहुत अनकूल है.वह चुपके से लोगों की कुण्डली में घुस जा रहा है. लोग ही क्या इस वक़्त देश के देश काल सर्प की इस हरकत से परेशान हैं. यूनान की अर्थ व्यवस्था बैठ गयी और उसे बेलआउट करना पड़ा. स्पेन भी इसी कगार पर है. यूरोप के कई देश इस समय काल सर्प दोष से गुजर रहे हैं.ऐसे में अगर विजय माल्या की कुण्डली में काल सर्प घुस गया है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है.  तो यह तय हो गया है कि माल्या की कुण्डली में कालसर्प दोष है. और दोष का पता चल जाए तो उसे दूर करने में कितना समय लगता है. कितने  मंदिर कालसर्प दोष दूर करते हैं. तांत्रिकों से लेकर पण्डे-पुजारी तक कालसर्प दोष दूर करने में लगे हैं. सो पता  चलते ही माल्या ने भी अपनी कुण्डली से कालसर्प दोष दूर कराना उचित समझा.         
         अब माल्या कोई छोटे इंसान तो है नहीं. बड़े लोग हैं सो बड़े लोगो का कालसर्प दोष भी बड़ी जगह और भव्य तरीके से ही दूर हो सकता है. सो माल्या के लिए सुब्रह्मन्यम मंदिर ही कालसर्प दोष दूर कराने की सबसे बेहतर जगह हो सकती थी. वे मंदिर गए और बीच में कालसर्प बने सोने के दरवाज़े को मंदिर में चड़ाया.हालांकि वे कह रहे थे कि कालसर्प दोष से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है यह मैंने आस्था के कारण चढ़ाया है. मीडिया बीच में बने कालसर्प पर गोला लगा कर बार बार उनकी इस बात को झुठला रहा था. खैर जो भी हो भगवान सोने के इस विशाल दरवाज़े से गुजरते हुए क्या महसूस नहीं करेंगे कि महामंदी के इस दौर में भी मेरे भक्त ने मुझे सोने के दरवाजे से गुज़रने का मौक़ा दिया है तो मैं क्यों न उसका सर्प दोष दूर कर दूं. जो भी हो पर मैं सोचता हूँ जब माल्या मंदिर मैं आस्था लेकर जाते होंगे तो भगवान से क्या कहते होंगे, हे प्रभु तू ऐसा कर कि लोग पानी की जगह दारू पीने लगें ,इसी से मेरा मुनाफ़ा बढेगा और तभी कालसर्प दोष दूर होगा. अगर मुझ पर  तेरी ऐसी कृपा हुई  तो मैं  दरवाज़ा क्या तेरा  मंदिर ही सोने का बनवा दूंगा.
   बहुत से ऐसे लोग जिन्हें लगता है कि उनकी कुण्डली में काल सर्प दोष है वे निराशा से आहें भरते हैं कि वे सुब्रह्मण्यम मंदिर कैसे जाएं और उनके पास चढाने के लिए सोने का दरवाज़ा भी नहीं है. ऐसे लोगों के लिए भी कालसर्प दोष दूर करने वालों ने व्यवस्था कर रखी है इसलिए उन्हें निराश होने की ज़रुरत नहीं है. आजकल गाँव गाँव और घर घर ऐसे कालसर्प दोष दूर करने वाले घूमते हैं . अगर आपके पास सोने का दरवाज़ा नहीं है तब भी कोई बात नहीं आप कोई सोने की चीज़ दरवाज़े पर रख कर दे दें. अगर आपके पास सोने की चीज़ भी नहीं है तो पीले रंग का रेशमी कपड़ा, पांच सौ एक और वो भी नहीं है तो एक सौ एक ही सही,उसे ही रख कर दे दें. अगर आप यह भी नहीं दे सकते और रोज़ कुँआ खोद के पानी पीने वालों में हैं तब भी कोई बात नहीं आप  जैसी गुंजाइश रखते हैं उसके अनुसार किलो दस किलो अनाज के साथ थोड़ा सोना और वह भी नहीं है तो पीला धागा रख के ही किसी ब्रह्मण से काल सर्प दोष दूर करा सकते हैं.
                   अब यह रोना मत  रोइए कि भगवान पैसे वालों की ही सुनता है. अरे भाई आप भगवान को क्या बेवकूफ समझते हैं. पैसे वाला  सोने का दरवाज़ा चड़ा रहा है और आप पीले धागे से ही भगवान को टहला  रहे हैं. जैसा आपका नज़राना है वैसा भगवान कालसर्प दोष दूर करेगा.